द गर्ल इन रूम 105–५१
लगता है, तुम कौन हो? जासूस?" राणा ने कहा। 'मैं केवल एक ट्यूशन टीचर हूं, सर। अगर आप मुझे केवल एक बार उससे बात करने देते तो.....
इंस्पेक्टर ने गहरी सांस ली और अपनी सीट पर जा बैठे। "कल देर रात को आना। और ध्यान रखना कि तुम किसी की नज़र में न आओ।'
'शुक्रिया, सरा' "जो करना हो करो, लेकिन मेरे फेस के बारह मत बजा देना.' उन्होंने अपने रूप में चाय उड़ेलते हुए कहा।
मैं इससे पहले किसी पुलिस लॉकअप में नहीं गया था। हीज़ खास थाने में चार लॉकअप थे। इन दड़बेनुमा कमरों में कैदियों को जेल भेजे जाने या ज़मानत मिलने से पहले रखा जाता था। एक कांस्टेबल ने मेरे लिए लक्ष्मण का
कमरा खोला और बाहर जाकर खड़ा हो गया।
"लॉकअप में होना अजीब लग रहा था। क्या हो अगर कोई बाहर से ताला लगाकर मुझे इसमें कैद कर देत लक्ष्मण फ़र्श पर बैठा था। उसकी आंखों में दहशत थी। उसका शरीर कांप रहा था और चेहरा एक तरफ झुक रहा था, मानो मैं उसे मारने जा रहा होऊ। शायद, जब भी कोई उससे यहां मिलने आता था, तो उसके साथ यही मैंने जींस और नीली सफ़ेद चेकवाली कमीज़ पहनी थी। मैं ना तो नए क़ैदी जैसा लग रहा था और ना ही
किया जाता था।
पुलिस वाले जैसा। मैं उसके सामने खड़ा था। उसने दहशत से मुझे देखा । बाहर खड़ा कांस्टेबल एक मिनट तक हमें देखता रहा, फिर उसकी भी दिलचस्पी ख़त्म हो गई। उसने फोन निकाला और 'टाइगर जिंदा है' का कोई पाइरेटेड वर्ज़न देखने लगा।
'मैं केशव है, 'मैंने कहा। उसने हैरत से मुझे देखा। 'तुमने मुझे उस दिन देखा था।' मैं फर्श पर घुटनों के बल बैठ गया। *मैं ज़ारा का दोस्त हूं।"
उसका चेहरा तनाव से भर गया। मैं जारा का दोस्त था, तब तो अभी मैं उसे यहां मारने के लिए आया
होऊंगा, शायद वह यही सोच रहा था। उसने दोनों हाथ जोड़ लिए।
"साहब, मैंने कुछ नहीं किया। कसम खाकर कहता हूँ, मैंने ज़ारा मैडम को नहीं मारा।' उसकी आवाज़ टूटने
लगी। कांस्टेबल ने अपनी लाठी से लॉकअप की सलाखों को थपथपाया। शोर मत करो,' कांस्टेबल ने कैटरीना कैफ से नजरें हटाए बिना कहा। खुद को संभालो, लक्ष्मण, मैंने उसे दिलासा देते हुए कहा। मैं यहां तुम्हारी मदद करने आया हूँ।"
लक्ष्मण ने अविश्वास से मेरी तरफ देखा ।
"तुम्हें मुझे सच सच बताना होगा कि हुआ क्या था।'
'मुझे नहीं पता, साहवा मैं तो हॉस्टल के दरवाज़े पर बैठा था। हर कमरे में क्या हो रहा है, यह मुझे कैसे
पता चलेगा? मैं अपने बच्चों की कसम खाकर कहता हूँ, मैंने कुछ नहीं किया।'
मैंने अपने होंठों पर उंगली रखकर कांस्टेबल को चुप होने को कहा। "जारा मैडम ने मुझे थप्पड़ जरूर मारा था, लेकिन गलती मेरी ही थी।'
"तुम एक स्टूडेंट का वीडियो बना रहे थे?" "हां, मुझसे बड़ी भूल हो गई थी, उसने जोरों से अपना सिर हिलाते हुए कहा।
"तुम्हारी जारा से लड़ाई भी हुई थी?" ‘मुझे गुस्सा आ गया था तो मैंने उन्हें भ्रमका दिया। लेकिन मैं भला क्या कर सकता हूं? मैं गरीब वॉचमैन हुई
कैसे मार सकता हूँ?"
तो फिर उसे किसने मारा?" "पता नहीं, साहब।'
"तुम अपनी पोस्ट पर क्यों नहीं थे?" उसकी आंखें मेरी आंखों से मिलीं।